पंचकर्म
आयुर्वेद चिकित्सा सिद्धान्त के अनुसार वात, पित्त एवं कफ की विकृति अथवा विषम अवस्था (रोग का कारण) को साम्यावस्था (Eqalibrium) में लाने हेतु दो विधियां बताई गई हैं--
1. संशमन चिकित्सा (Palliative methods)
2. संशोधन चिकित्सा
(Purification methods)
संशोधन चिकित्सा में पांच विधियां होती हैं इसलिए इसे पंचकर्म कहते हैं।
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